Thursday, September 8, 2011

प्यार की अजमाइश नहीं की...

''मिल जाओ तुम -हमें,खुदा से ये फ़रमाइश नहीं की
कुछ पल ही सही चाहो, यही खाव्हिश थी मेरी॥
कसम खाकर कहते हैं,आपके होठों के तबस्सुम की,
कभी हमने -अपने प्यार की अजमाइश नही की।''
- प्रवीण तिवारी 'रौनक'

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