तेरे इनकार के बाद...
(काव्य संग्रह) -प्रवीण तिवारी 'रौनक'
Thursday, September 8, 2011
प्यार की अजमाइश नहीं की...
''
मिल
जाओ
तुम
-
हमें
,
खुदा
से
ये
फ़रमाइश
नहीं
की
।
कुछ
पल
ही
सही
चाहो
,
यही
खाव्हिश
थी
मेरी॥
कसम
खाकर
कहते
हैं
,
आपके
होठों
के
तबस्सुम
की,
कभी
हमने
-
अपने
प्यार
की
अजमाइश
नही
की
।''
-
प्रवीण
तिवारी
'
रौनक'
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