तेरे इनकार के बाद...
(काव्य संग्रह) -प्रवीण तिवारी 'रौनक'
Tuesday, September 6, 2011
दिल के आँगन में...
''
दिल
के
आँगन
में
हमने
एक
घरोंदा
बना
लिया
।
आपकी
खुबसूरत
यादों
को
बस
उसमे
सजा
लिया॥
चुरा
न
ले
मुझसे
कोई
इन
बेशकीमती
हीरों
को,
इस
डर
से
हमने
दरीचे
पर
एक
ताला
लगा
दिया
। ''
-
प्रवीण
तिवारी
'
रौनक
'
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