Saturday, June 13, 2015

मुझे इज़ाजत तो दो...

एक बार तुम गले लगाने की मुझे इज़ाजत तो दो।
सारी शिकायते तेरे काँधे से होकर गुज़र जाएँगी।।
-प्रवीण तिवारी 'रौनक'

Thursday, June 11, 2015

सर झुकाए बैठे हैं...

ये लब ख़ामोश ही रहेंगे की इनमें जान न बची।
हम ज़िन्दगी के मुहाने पर सर झुकाए बैठे हैं।।
-प्रवीण तिवारी 'रौनक'