तेरे इनकार के बाद...
(काव्य संग्रह) -प्रवीण तिवारी 'रौनक'
Wednesday, December 7, 2011
मुसकुराहट चुराना सीख लिया...
'
'अंधेरों
में
हमने
आशियाना
बनाना
सीख
लिया
,
तेरी
यादों
से
मुसकुराहट
चुराना
सीख
लिया
।
तुम्हारी
एक
झलक
ने
कितनी
तसल्ली
दी
है
मुझे,
आँखों
से
हमने
लबों
को
बताना
सीख
लिया
।
''
-
प्रवीण
तिवारी
'
रौनक
'
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