तेरे इनकार के बाद...
(काव्य संग्रह) -प्रवीण तिवारी 'रौनक'
Tuesday, November 29, 2011
ये दूरियां न होती...
'
'पास
होकर
भी
किसी
के
ये
दूरियां
न
होती
,
हम
रोते
याद
में
उनके
और
ये
सिसकियाँ
न
होती।
चाहतों
का
दरिया
हम
साथ
लेकर
सोचते
रहे,
काश
!
हमसे
भी
मोहब्बत
किसी
ने
की
होती
।''
-
प्रवीण
तिवारी
'
रौनक
'
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