तेरे इनकार के बाद...
(काव्य संग्रह) -प्रवीण तिवारी 'रौनक'
Monday, December 12, 2011
तेरे अक्स को पाया है बहुत...
''तनहा
जिंदगी
ने
खोया
है
बहुत
,
तुझसे
बिछड़
के
कोई
रोया
है
बहुत।
राहों
में
चलना
भी
हुआ
है
मुश्किल,
हर
कदम
तेरे
अक्स
को
पाया
है
बहुत। ''
-
प्रवीण
तिवारी
'
रौनक
'
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