''जिंदगी को सजा दिया है तुमने,
फिर क्यूँ भुला दिया है तुमने।
तुम्हारा प्यार न सही इतना तो मिल गया हमको,
जिन्दगी जीने का सलीका सिखा दिया है तुमने। ''
फिर क्यूँ भुला दिया है तुमने।
तुम्हारा प्यार न सही इतना तो मिल गया हमको,
जिन्दगी जीने का सलीका सिखा दिया है तुमने। ''
-प्रवीण तिवारी 'रौनक
No comments:
Post a Comment