तेरे इनकार के बाद...
(काव्य संग्रह) -प्रवीण तिवारी 'रौनक'
Saturday, October 29, 2011
मुझे एक गलतफैमी हो गयी...
''किसी की बातों में चाहत थी इतनी,
की बस, मुझे एक गलतफैमी हो गयी।
और नींदों में भी यही हम सोचते रहे,
शायद उसे भी मुझसे मोहब्बत हो गयी। ''
- प्रवीण तिवारी 'रौनक'
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment