तेरे इनकार के बाद...
(काव्य संग्रह) -प्रवीण तिवारी 'रौनक'
Wednesday, November 2, 2011
अकेला सा हो गया हूँ मैं...
''
तुम्हारा
वो पुराना साथ अब न मिलेगा मुझे,
शायद
इसलिए तेरी यादों के साथ सो रहा हूँ मैं।
सच में
,जबसे हुए हो दूर तुम जिंदगी से मेरी,
कैसे कहूँ की
कितना
अकेला सा
हो
गया हूँ मैं। ''
- प्रवीण तिवारी 'रौनक'
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