तेरे इनकार के बाद...
(काव्य संग्रह) -प्रवीण तिवारी 'रौनक'
Tuesday, October 4, 2011
रूठा है तेरा हाथ मेरे हाथ से...
''
अब
तो
हथेलियों
में
सनसनाहट
सी
होने
लगी
है
,
की
जबसे
रूठा
है
तेरा
हाथ
मेरे
हाथ
से
।...........''
-
प्रवीण
तिवारी
'
रौनक
'
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