तेरे इनकार के बाद...
(काव्य संग्रह) -प्रवीण तिवारी 'रौनक'
Saturday, October 8, 2011
तुम्हारी एक दस्तक...
''
तुम्हारी
एक दस्तक ने नयी जिंदगी दी है मुझे,
इसी
ख़ुशी में कई दिन गुजर गये तेरे बगैर।
कमबख्त ये आँशु फिर आगए मेरी पलकों पे,
और कहने लगे मुझसे,रुकने वाले
नहीं
हम उसके बगैर। ''
- प्रवीण तिवारी 'रौनक'
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment