तेरे इनकार के बाद...
(काव्य संग्रह) -प्रवीण तिवारी 'रौनक'
Wednesday, August 31, 2011
खामोशियों ने घर कर लिया...
''
तुम्हारी
तरह
जिंदगी
भी
अब
बोलती
नहीं
।
बेचैनियों
ने
मुझमें
बसर
कर
लिया
॥
चाहा बहुत
तुमसे
बात
करना मगर ,
खामोशियों
ने
घर
को
ही
मेरे
घर
कर
लिया॥
''
-
प्रवीण
तिवारी
'
रौनक
'
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