तेरे इनकार के बाद...
(काव्य संग्रह) -प्रवीण तिवारी 'रौनक'
Monday, August 29, 2011
अनमोल मोती है माँ...
'
'इस
धरा
पर
एक
अनमोल
मोती
है
माँ ।
मोह,
त्याग,
संवेदना
की
ज्योति
है
माँ
॥
ये
वो
दिया
है
जिसे
हवाएं
न
बुझा
सकी,
उम्मीद
,
इंतज़ार,
चिंताओं
,
को
संजोंती
है
माँ
। ''
-
प्रवीण
तिवारी
'
रौनक
'
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