तेरे इनकार के बाद...
(काव्य संग्रह) -प्रवीण तिवारी 'रौनक'
Wednesday, December 11, 2013
चाह ने जिन्दा रखा है...
तुझे खोने का इल्म है हमें मगर।
तुझे पाने की चाह ने जिन्दा रखा है
।
- प्रवीण तिवारी 'रौनक'
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