तेरे इनकार के बाद...
(काव्य संग्रह) -प्रवीण तिवारी 'रौनक'
Wednesday, December 11, 2013
हिन्द की शान है हिंदी.....(14 sep)
हिन्द की शान है हिंदी तो हिंदुस्तान कि निशानी है
।
शहीदों का अभिमान हिंदी तो शूरवीरों कि कहानी है
।
शरीर में लहू बनकर जिनके दौड़ती है नस नस में,
उन बेटों कि माँ है हिंदी, उन युवाओं की जवानी है
।
-प्रवीण तिवारी 'रौनक'
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