तेरे इनकार के बाद...
(काव्य संग्रह) -प्रवीण तिवारी 'रौनक'
Saturday, May 19, 2012
अब वो आहट कहाँ...
तुझसे
मिलने
पर
अब
वो
राहत
कहाँ
।
तेरी
बातों
में
अब
वो
चाहत
कहाँ
।
दिल
धड़कता
है
तो
धड़कने
भी
दो
,
इन
धड़कनों
में
अब
वो
आहट
कहाँ
।
-
प्रवीण
तिवारी
'
रौनक
'
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