सदियां लगेंगी तेरे गम से निकलने में,
फिर थोड़ा वक्त लगेगा हमको संभलने में।
हमसफ़र तुझे बनाना तो मुमकिन ही न था,
बहुत शर्म आती थी तुम्हें मेरे साथ चलने में।
-प्रवीण तिवारी 'रौनक'
फिर थोड़ा वक्त लगेगा हमको संभलने में।
हमसफ़र तुझे बनाना तो मुमकिन ही न था,
बहुत शर्म आती थी तुम्हें मेरे साथ चलने में।
-प्रवीण तिवारी 'रौनक'
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