Sunday, October 24, 2010

दुनिया मिल गयी ......

जब से मिले हो ऐसा लगा की दुनिया मिल गयी।
तूने देखा तो ऐसा लगा की सारी कली खिल गयी।


मेरी सुबह भी होती है तेरी यादों की तस्वीर से।
हर लम्हा तेरा ख्याल जो आये सवाल पूछूँ मै तकदीर से।
तूने फेरी निगाहें तो ऐसा लगा की सासें सिल गयी।
जब से मिले...


हाथों में जो तेरा हाथ हो जन्नत का सहारा मिल जाये।
जिन्दगी से भी अनबन कर लूँ जो तेरा इशारा मिल जाये।

तुम मुस्कुराये तो ऐसा लगा की चरागों को रौशनी मिल गयी।
जब से मिले...


तेरी सांवली सूरत का कुछ ऐसा नजारा है।
की फ़रिश्ते भी देखकर बोले तुझ पर सिर्फ हक़ हमारा है।
तूने छुआ तो ऐसा लगा की लफ़्ज़ों को महफ़िल मिल गयी।
जब से मिले...
....प्रवीण तिवारी 'रौनक'

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