तेरे इनकार के बाद...
(काव्य संग्रह) -प्रवीण तिवारी 'रौनक'
Tuesday, February 6, 2018
गहराई नापनी पड़ती है...
ये शायरी का फ़न मियां ऐसे ही नहीं आया।
दर्द के समंदर की गहराई नापनी पड़ती है।।
- प्रवीण तिवारी 'रौनक'
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