तेरे इनकार के बाद...
(काव्य संग्रह) -प्रवीण तिवारी 'रौनक'
Thursday, April 21, 2016
और के सीने से लगा होना...
क़यामत से आगे भी कोई क़यामत होती है तो हमसे पूछो।
टुकड़ों में कर गया तेरा किसी और के सीने से लगा होना।।
- प्रवीण तिवारी 'रौनक'
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