तेरे इनकार के बाद...
(काव्य संग्रह) -प्रवीण तिवारी 'रौनक'
Monday, November 14, 2016
तेरे तसव्वुर में...
मुझे नींद में मुस्कुराते हुए देखो तो समझ लेना।
तेरे तसव्वुर में हूँ डूबा, तुझसे बातें चल रही हैं।।
प्रवीण तिवारी 'रौनक'
Friday, November 11, 2016
उदासी की धूप में...
तुम्हारी याद के मौसम की एक अदा ये भी है।
आँखे बरस उठती हैं मेरी, उदासी की धूप में।।
- प्रवीण तिवारी 'रौनक'
Friday, October 21, 2016
जल्द फैसला कर...
जिंदगी उलझा मत जल्द फैसला कर।
सहने की सारी हदें अब टूटने लगी हैं।।
-प्रवीण तिवारी 'रौनक'
Wednesday, May 4, 2016
मेरी ज़िंदगी का जल जाना...
रूह कांप उठती है और साँसे भी उखड़ने लगती है।
तेरा किसी का होना मतलब मेरी जिंदगी का जल जाना।।
-प्रवीण तिवारी 'रौनक'
Thursday, April 21, 2016
और के सीने से लगा होना...
क़यामत से आगे भी कोई क़यामत होती है तो हमसे पूछो।
टुकड़ों में कर गया तेरा किसी और के सीने से लगा होना।।
- प्रवीण तिवारी 'रौनक'
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