तुम मिलोगे मुझे इसके कोई आसार नहीं।
की जिंदगी में मुझे अब तेरा इंतज़ार नही।।
लाख फ़ासले रहतें हो हमारी नजदीकियों में।
मगर मेरे प्यार में कभी भी कोई दरार नहीं।।
तुम मुझे दिल में न सही यादों में तो रखोगे।
ये ऐसी उम्मीद है जिसका कोई आधार नहीं।।
चाँद तारे न सही तुझे खुशियाँ भी न दे पाऊं ।
मैं तन्हा जरूर हूँ पर इतना भी लाचार नहीं।।
मुट्ठी से रेत कि तरह दूर जाते रहे जिंदगी से तुम।
मैं तुम्हे रोक पाता मेरा इतना भी अधिकार नही।।
तुमसे मोहब्बत कर के ये तहजीब मिली है मुझे।
की तेरे इनकार के बाद फिर कोई सवाल जवाब नहीं।।
तुम्हारी मोहब्बत अब मुझे मिल जाये भी तो क्या।
इतना रोया हूँ इन दरमियाँ जिसका कोई हिसाब नहीं।।
मेरे शेरों पर होते हैं उजाले मुस्कुराहटों के।
ये मान लो की मैं अब पहले जैसा बेकार नहीं।।
-प्रवीण तिवारी 'रौनक'
की जिंदगी में मुझे अब तेरा इंतज़ार नही।।
लाख फ़ासले रहतें हो हमारी नजदीकियों में।
मगर मेरे प्यार में कभी भी कोई दरार नहीं।।
तुम मुझे दिल में न सही यादों में तो रखोगे।
ये ऐसी उम्मीद है जिसका कोई आधार नहीं।।
चाँद तारे न सही तुझे खुशियाँ भी न दे पाऊं ।
मैं तन्हा जरूर हूँ पर इतना भी लाचार नहीं।।
मुट्ठी से रेत कि तरह दूर जाते रहे जिंदगी से तुम।
मैं तुम्हे रोक पाता मेरा इतना भी अधिकार नही।।
तुमसे मोहब्बत कर के ये तहजीब मिली है मुझे।
की तेरे इनकार के बाद फिर कोई सवाल जवाब नहीं।।
तुम्हारी मोहब्बत अब मुझे मिल जाये भी तो क्या।
इतना रोया हूँ इन दरमियाँ जिसका कोई हिसाब नहीं।।
मेरे शेरों पर होते हैं उजाले मुस्कुराहटों के।
ये मान लो की मैं अब पहले जैसा बेकार नहीं।।
-प्रवीण तिवारी 'रौनक'
मंगलवार 29/01/2013को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं .... !!
ReplyDeleteआपके सुझावों का स्वागत है .... !!
धन्यवाद .... !!
bhut bhut dhanyavad vibha ji...
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया
ReplyDeletebahut dhanyavad yashwant ji...
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