Monday, January 28, 2013

मोहब्बत ने यूँ तोड़ा है मुझे...

चंद लफ़्ज़ों में अब तो बिखरने लगा हूँ।
तुम्हारी मोहब्बत ने यूँ तोड़ा है मुझे।।
ये खुशमिजाजी मेरी कहाँ गुम हो गयी।
तेरे इनकार ने कहाँ लाकर छोड़ा है मुझे।।
-प्रवीण तिवारी 'रौनक' 

Friday, January 25, 2013

मुझे अब तेरा इंतज़ार नही...

तुम मिलोगे मुझे इसके कोई आसार नहीं।
की जिंदगी में मुझे अब तेरा इंतज़ार नही।।
 

लाख फ़ासले रहतें हो हमारी नजदीकियों में।
 मगर मेरे प्यार में कभी भी कोई दरार नहीं।।
 

तुम मुझे दिल में न सही यादों में तो रखोगे।
 ये ऐसी उम्मीद है जिसका कोई आधार नहीं।।
 

चाँद तारे न सही तुझे खुशियाँ भी न दे पाऊं ।
मैं तन्हा जरूर हूँ पर इतना भी लाचार नहीं।।
 

मुट्ठी से रेत कि तरह दूर जाते रहे जिंदगी से तुम।
मैं तुम्हे रोक पाता मेरा इतना भी अधिकार नही।।
 

तुमसे मोहब्बत कर के ये तहजीब मिली है मुझे।
की तेरे इनकार के बाद फिर कोई सवाल जवाब नहीं।।
 

तुम्हारी मोहब्बत अब मुझे मिल जाये भी तो क्या।
इतना रोया हूँ इन दरमियाँ जिसका कोई हिसाब नहीं।।
 

मेरे शेरों पर होते हैं उजाले मुस्कुराहटों के।
ये मान लो की मैं अब पहले जैसा बेकार नहीं।।
-प्रवीण तिवारी 'रौनक'