तेरे इनकार के बाद...
(काव्य संग्रह) -प्रवीण तिवारी 'रौनक'
Monday, April 23, 2012
न ही तुझे भुलायेंगे...
दिल को समझाया बहुत फिर दिल को समझायांगे.
अब न ही तुझको याद करेंगे, न ही तुझे भुलायेंगे.
- प्रवीण तिवारी 'रौनक'
Sunday, April 22, 2012
माँ के पैरो से खुलता है...
न अपनों से खुलता है, न ही गैरों से खुलता है.
ये जन्नत का दरवाज़ा
है, माँ के पैरो से खुलता है.................प्रवीण तिवारी 'रौनक'
Saturday, April 14, 2012
खुद से ये सवाल करते हैं...
अक्सर
खुद
से
ये
सवाल
करते
हैं
,
वो
हमसे
क्यूँ
नहीं
प्यार
करते
हैं
।
बहुत
संभलकर
बात
करते
हैं
वो
,
जब
कभी
हम
उनसे
बात
करते
है।
-
प्रवीण
तिवारी
'
रौनक
'
Tuesday, April 10, 2012
तेरी याद में हम जागे इस कदर...
कल
रात
तेरी
याद
में
हम
जागे
इस
कदर
,
की
नींदो
ने
आँखों
से
बेवफाई
कर
ली
।
-
प्रवीण
तिवारी
'
रौनक
'
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