तेरे इनकार के बाद...
(काव्य संग्रह) -प्रवीण तिवारी 'रौनक'
Monday, November 14, 2016
तेरे तसव्वुर में...
मुझे नींद में मुस्कुराते हुए देखो तो समझ लेना।
तेरे तसव्वुर में हूँ डूबा, तुझसे बातें चल रही हैं।।
प्रवीण तिवारी 'रौनक'
Friday, November 11, 2016
उदासी की धूप में...
तुम्हारी याद के मौसम की एक अदा ये भी है।
आँखे बरस उठती हैं मेरी, उदासी की धूप में।।
- प्रवीण तिवारी 'रौनक'
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