तेरे इनकार के बाद...
(काव्य संग्रह) -प्रवीण तिवारी 'रौनक'
Friday, October 21, 2016
जल्द फैसला कर...
जिंदगी उलझा मत जल्द फैसला कर।
सहने की सारी हदें अब टूटने लगी हैं।।
-प्रवीण तिवारी 'रौनक'
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