तेरे इनकार के बाद...
(काव्य संग्रह) -प्रवीण तिवारी 'रौनक'
Wednesday, April 8, 2015
ज़रूरत भी क्या...
मौत इतनी साजिशों की, तुझे जरुरत भी क्या।
मैं तैयार तो हूँ न, तेरे साथ चलने के लिए।
-प्रवीण तिवारी 'रौनक'
Sunday, April 5, 2015
वक़्त लगेगा कभी...
ऐ-खुदा तेरे पास आने में, ज़रा वक़्त लगेगा अभी।
उन्हें रूठा हुआ छोड़कर, कहीं गया नहीं कभी।
-प्रवीण तिवारी 'रौनक'
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